पर्सनल लोन की ब्याज दरों को प्रभावित करने वाले कारक
Personal Loan एक अन-सिक्योर्ड लोन होता है, यानि कि इसके लिए उधारकर्ता को कोई सिक्योरिटी जमा करने या कुछ गिरवी रखने की ज़रूरत नहीं होती है। इस लोन की भुगतान अवधि आमतौर पर 1 से 5 साल के बीच होती है मेडिकल इमरजेंसी, पढ़ाई का खर्च, ट्रेवल और शादी आदि। ज़रूरत को पूरा करने के लिए किया जा सकता है
पर्सनल लोन की विशेषताएँ और लाभ
- लोन बिना कुछ गिरवी रखे मिलेगा
- 40 लाख रु. तक का लोन मिल सकता है, और भी बढ़ सकता है लेकिन बैंक पर निर्भर करता है
- किसी भी काम के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है
- भुगतान अवधि 5 साल तक होगी, बढ़ भी सकती है
- न्यूनतम कागज़ी कार्यवाही
- लोन राशि का तुरंत ट्रांसफर
Personal Loan: ब्याज दरें
पर्सनल लोन की ब्याज दरें (Personal Loan interest rates) एक बैंक से दूसरे बैंक/ लोन संस्थान में अलग-अलग हो सकती हैं। बैंक कितनी ब्याज दर पर लोन ऑफर करता है, ये आवेदक के क्रेडिट स्कोर, रोज़गार, आय और लोन राशि व भुगतान अवधि जैसे कारकों पर निर्भर करता है।
पर्सनल लोन की ब्याज दरों को प्रभावित करने वाले कारक
किन कारकों के आधार पर bank पर्सनल लोन (Personal loan) की ब्याज दरें तय करता है:
आपका क्रेडिट स्कोर
क्रेडिट स्कोर ये दर्शाता है कि व्यक्ति को पर्सनल लोन देने में कितना जोखिम है। तो अगर आपका क्रेडिट स्कोर कम है तो बैंक ज़्यादा जोखिम लेने के खामियाज़े के रूप में ज़्यादा ब्याज दर पर लोन ऑफर देगा। इसलिए, हमेशा सलाह दी जाती है कि 750 या ज़्यादा का क्रेडिट स्कोर बनाए रखें।
आपकी मासिक इनकम
बैंक/ लोन संस्थान ये मानते हैं कि जिस आवेदक की इनकम ज़्यादा होगी वो लोन का भुगतान समय पर कर पाएगा। इसलिए, जिन लोगों की इनकम ज़्यादा होती है, उन्हें पर्सनल लोन जल्दी और कम ब्याज दरों पर मिल जाता है।
कहाँ काम करते हैं
पर्सनल लोन की ब्याज दरें तय करते समय ये भी देखा जाता है कि आप कहाँ काम करते है और क्या काम करते हैं। प्रतिष्ठित संस्थानों में काम करने वाले व्यक्तियों को तुलनात्मक रूप से जल्दी और बेहतर ब्याज दरों पर लोन मिल जाता है। सरकारी नौकरी करने वाले लोगों को भी उनकी जॉब सिक्योरिटी की वजह से बेहतर ब्याज दरों पर्सनल लोन मिल जाता है।
बैंक के साथ आपका संबंध
अगर आपका किसी बैंक के साथ अच्छा और पुराना संबंध हैं और आपने पहले भी लोन का भुगतान समय पर किया है तो बैंक अन्य के मुकाबले आपको आसान शर्तों व कम ब्याज दरों पर लोन दे सकता है। बैंक के मौजूदा ग्राहकों को प्री-अप्रूव्ड लोन ऑफर भी मिल सकते हैं।
पर्सनल लोन के प्रकार
मैरिज लोन
भारत में शादियों का खर्च अक्सर बहुत ज़्यादा होता है और अपनी सारी जमापूंजी को शादी पर खर्च कर देना समझदारी नहीं है। साथ ही हर किसी के लिए शादी का पूरा खर्च उठाना मुमकिन भी नहीं है। इसलिए, आप शादी के लिए मैरिज लोन ले सकते हैं, ये पर्सनल लोन का ही एक प्रकार है।
हायर एजुकेशन लोन
आप विदेश में पढ़ाई के लिए अपने, अपने बच्चों या अपने पति-पत्नी के लिए ये पर्सनल लोन (Personal loan) ले सकते हैं। इस लोन का उपयोग आप कॉलेज की फीस भरने, फ्लाइट टिकट, वीज़ा, वहां रहने के खर्च और आदि के लिए कर सकते हैं।
मेडिकल लोन
अगर अचानक कोई मेडिकल इमरजेंसी आ जाती है और आपके या आपके परिवार के पास मेडिकल इंश्योरेंस नहीं है तो आप मेडिकल खर्च के लिए पर्सनल लोन ले सकते हैं।
होम रेनोवेशन लोन
लोग अपनी सुविधा और ज़रूरत के लिए अपने घरों में बदलाव कराते रहते हैं जिसका खर्च कितना भी आ सकता है। आप होम रेनोवेशन के लिए पर्सनल लोन ले सकते हैं और अपने घर को बेहतर बना सकते हैं।
ट्रेवल लोन
आप अपने परिवार के साथ छुट्टियाँ मनाने या देश- विदेश में घूमने के लिए पर्सनल लोन ले सकते हैं।
डेट कंसोलिडेशन लोन
अगर आप कई छोटी ईएमआई का भुगतान कर रहे हैं, तो आप डेट कंसोलिडेशन लोन लेकर उन सभी लोन का भुगतान कर सकते हैं और फिर केवल एक पर्सनल लोन की ईएमआई का भुगतान कर सकते हैं।
पर्सनल लोन की योग्यता शर्तें
- उम्र: आवेदक की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष और अधिकतम 60 वर्ष होनी चाहिए
- क्रेडिट स्कोर: 750 या ज़्यादा
- सैलरी: नौकरीपेशा लोगों की न्यूनतम सैलरी 15000 रु. प्रति माह होनी चाहिए
- आय: गैर- नौकरीपेशा ग्राहकों के लिए कम से कम 5 लाख रु. प्रति वर्ष
- स्थिर रोज़गार: कुल कार्य अनुभव 2 वर्ष जिसमें से 1 वर्ष से एक ही नौकरी में होना चाहिए
- बिज़नेस की निरंतरता: गैर- नौकरीपेशा प्रोफेशनल कम से कम 2 साल से बिज़नेस चला रहे हों
- रोज़गार का प्रकार: प्रतिष्ठित संस्थानों, MNC, प्राइवेट और पब्लिक लिमिटेड कंपनियों, सरकारी संस्थानों, PSU में काम करने वाले व्यक्ति ।
Personal Loan: ज़रूरी दस्तावेज
पहचान प्रमाण | |
पता प्रमाण | |
आय प्रमाण | |
बिज़नेस प्रमाण |
Personal Loan: फीस और शुल्क
- प्रोसेसिंग फीस
- प्रीपेमेंट/ पार्ट- पेमेंट या फोरक्लोज़र फीस
- वेरिफिकेशन फीस
- लोन कैंसलेशन या रीबुकिंग फीस
- डॉक्युमेंटेशन फीस व स्टाम्प ड्यूटी
- लीगल व पीनल चार्ज
- डुप्लिकेट स्टेटमेंट, एनओसी सर्टिफिकेट, ईएमआई/ चेक बाउंस, स्वैप और लेट फीस, आदि।
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